ये राजनीतिक अराजकता की हद है!
ये राजनीतिक अराजकता की हद नहीं तो और क्या है। यह जानते हुए और मानते हुए भी कि आपकी पार्टी के विधायक ने एक मजबूर, अबला, कमजोर युवती के साथ दुष्कर्म किया। युवती की शिकायत पर बमुश्किल रिपोर्ट दर्ज हो पाई।
लेकिन विधायक के खिलाफ कुछ भी कार्रवाई करने की पुलिस हिम्मत नहीं जुटा पाई। लड़की को मजबूरन सड़क पर आत्मदाह करना पड़ा, लड़की को पुलिस ने बचा तो लिया लेकिन फिर भी विधायक को गिरफ्तार नहीं किया। इसी दौरान दुष्कर्म की पीड़िता के पिता को बिना दोष गिरफ्तार करा दिया गया। पुलिस की हिरासत में उसकी मौत हो गई। पीड़ित परिवार ने इस मौत को हत्या बताया।
इसी बीच इस केस के मुख्य गवाह पीड़िता के सगे चाचा की भी हत्या कर दी गई। श्रंखलाबद्ध एक के बाद एक अनहोनी घटनाओं के घटित होने पर विपक्षी दलों ने मिलकर शोर मचाया। मजबूरन उन्नाव के आरोपी भाजपा विधायक को गिरफ्तार किया गया। अभी चार दिन पहले ही पीड़ित युवती पर भी जानलेवा हमला हुआ। जिस कार में युवती अपनी मौसी, चाची व अधिवक्ता भी बुरी साथ जा रही थी बिना नंबर प्लेट के एक ट्रक ने गलत दिशा से आकर कार में टक्कर मार दी। पीड़िता की मौसी व चाची की मौके पर ही मौत हो गई। खुद पीड़िता और अधिवक्ता बुरी तरह घायल हो गए।
दोनो अभी तक जिंदगी और मौत से जूझ रहे हैं। इतना होने पर भी भाजपा ने आरोपी विधायक पर कोई कार्रवाई नहीं की। इतना ही नहीं भाजपा के अन्य विधायक और सांसद अपने अपने सदनों में ऐसे जघन्य मानसिक अपराधिक सोच वाले विधायक के बचाव में पुरजोरता से पैरवी कर रहे हैं। आप ऐसे आरोपी विधायक को बचाना क्यों चाहते हैं। उत्तर प्रदेश विधानसभा में इतना प्रबल बहुमत प्राप्त करने के बाद भी आप एक अपराधिक सोच वाले विधायक की पैरवी क्यों कर रहे हैं, जिसके विरुद्ध आप ही की सरकार ने सीबीआई जांच की मांग की है। जिस अपराधी के खिलाफ आपकी पुलिस ने दुष्कर्म और हत्या की गंभीर धाराओं में केस दर्ज किया है।
आप उसी अपराधी की पैरवी में अपनी पूरी ताकत लगा रहे हैं। राजनीतिक अराजकता की सभी हदें पार करने वाले प्रथम दृष्टया प्रमाणित आरोपी को आपने अभी तक पार्टी से बाहर का रास्ता क्यों नहीं दिखाया है। आपको इतना प्रबल बहुमत मिलने पर भी एक अपराधिक प्रवृति के विधायक का समर्थन चाहिए या जो जन विश्वास आपको मिला उसे कायम रखने की चिंता आपको करनी चाहिए! उत्तर प्रदेश के चुनाव बहुत दूर नहीं हैं, आपको सतर्क रहना चाहिए।